नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम विवेक है। मैं उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर का रहने वाला हूँ। इस वेबसाइट का नियमित पाठक हूँ। इस वेबसाइट के बारे में मुझे मेरे दोस्त रोहित ने बताया था कि यह बहुत मनोरंजक है। यहाँ लोग अपनी निजी कहानियाँ साझा करते हैं, जो दूसरों को बहुत भाती हैं।
मैंने सोचा कि क्यों न मैं भी अपनी एक कहानी आप सभी के साथ साझा करूँ। यह घटना 100% वास्तविक है और मेरे जीवन के सबसे बेहतरीन पलों में से एक है। तो चलिए मुद्दे पर आते हैं।
यह कहानी मेरी भाभी मोहिनी की है, जिनकी उम्र 36 साल है, ऊँचाई 5’4″ है और उनके शरीर का माप 34-30-36 है। मोहिनी भाभी देखने में गाँव की अन्य औरतों से बहुत अलग हैं। वे इतनी गोरी हैं कि उनकी सुंदरता की कोई सीमा नहीं है। उनका व्यवहार भी चुलबुला और मजेदार है।
मैंने कई बार उनकी चड्डी में मुठ मारी है। मुझे उनकी गांड बहुत पसंद है। मैंने उनकी गांड पहले सिर्फ पेटीकोट में ही देखी थी।
यह घटना गर्मी के मौसम की है। हम लोग छत पर तीन कमरे बनवा रहे थे। कमरे तो बन गए थे, लेकिन उनका प्लास्टर करना बाकी था, जो एक मिस्त्री और दो मजदूर कर रहे थे। मिस्त्री का नाम रमेश था। वह 15 किलोमीटर दूर से आता था और उसकी उम्र लगभग 26 साल थी।
एक दिन की बात है, दोपहर का समय था, सभी मजदूर खाना खाने अपने-अपने घर चले गए थे। रमेश अपना टिफिन साथ लाता था, तो वह वहीं खाना खाकर थोड़ी देर आराम करता था। उस दिन कुछ अलग ही नजारा था।
मैं दोपहर में छत में बने स्टोर रूम में बॉल खोजने गया हुआ था। घरवाले किसी कामसे बहार गए थे और भाई अपनी जॉब पर था। अचानक मुझे बाइक की हल्की आवाज सुनाई दी। मैं देखने गया कि क्या हो रहा है।
जो मैंने देखा, उससे मेरे दिल की धड़कन तेज हो गई। यह मेरी जिंदगी का पहला लाइव सेक्स दृश्य था। मैंने देखा कि बीच वाले कमरे में मोहिनी भाभी दीवार पकड़कर झुकी हुई हैं, साड़ी और पेटीकोट ऊपर उठाए हुए और चड्डी पूरी नीचे। रमेश अपना लंड भाभी की चूत में जोर-जोर से डाल रहा था। भाभी हल्की-हल्की आवाज में “आह आह” कर रही थीं।
मैं झट से वहीं रखे ड्रम के पीछे छुप गया और दोनों ड्रम के बीच से दोनों की चुदाई का मस्त नजारा देखने लगा। मुझे बहुत मजा आ रहा था।
मोहिनी भाभी की गांड एकदम दूध जैसी सफेद थी, जो बहुत ही आकर्षक लग रही थी। कुछ देर बाद रमेश ने अपना मुँह भाभी की गांड में घुसा दिया। भाभी भी उसके सिर को पकड़कर खींच रही थीं।
इधर मेरा लंड तना जा रहा था। मैंने अपना मोबाइल निकाला और रिकॉर्ड करने लगा। कुछ देर बाद रमेश नीचे लेट गया और भाभी उसकी ऊपर आकर साड़ी ऊपर करके रमेश के लंड पर आराम से बैठ गईं। भाभी की गांड मेरे सामने थी और मैं अपना लंड सहलाने लगा।
भाभी मस्त उछलती जा रही थीं। रमेश उसकी दोनों दूधू पकड़कर लेटा था। फिर अचानक भाभी उठ गईं और बाहर जाकर नीचे देखने लगीं। सब शांत था। तो वापस आकर रमेश के लंड को हाथ में पकड़कर आगे-पीछे की और फिर सीधे उसके लंड को अपने मुँह के अंदर ले लिया और जोर-जोर से चूसने लगीं।
रमेश का लंड मोटा नहीं था पर लंबा था, लगभग 6-7 इंच का। भाभी आधा लंड मुँह में ले रही थीं। तब मुझे पता चला कि भाभी बाहर से जितनी शराफत दिखाती हैं, असल में उतनी ही चुलबुली और कामुक हैं।
कुछ देर लंड चूसवाने के बाद रमेश ने उसे कुतिया बना दिया और उसकी गांड में अपना लंड डाला। भाभी सीधी हो गईं और धीरे-धीरे चोदने लगीं। रमेश ने भाभी की गांड में थूक डालकर अपना लंड आराम-आराम से डालने लगा। भाभी भी मस्त साथ दे रही थीं।
वे ‘आह आह’ कर रही थीं। धीरे-धीरे रमेश ने भाभी की गांड मारना शरू कर दिया । यह दृश्य देखकर मुझे बहुत मजा आ रहा था। भाभी की दूध जैसी सफेद गांड में काले बालों वाला लंड बहुत अच्छा लग रहा था।
कुछ देर गांड मारने के बाद रमेश ने लंड चूत में डाल दिया और जोर-जोर से चोदने लगा। जब रमेश की जांघें भाभी के दोनों चूतड़ में जोर-जोर से लग रही थीं, तो मस्त ‘फट-फट’ की आवाज आ रही थी। इससे मेरा लंड और भी तना जा रहा था।
ऐसे ही चोदते-चोदते रमेश झड़ने लगा और अपना लंड निकालकर भाभी की गांड में टिका दिया। उसमें से बहुत सारा सफेद मलाई निकली। भाभी भी सीधी हो गईं और रमेश के लंड को कुतिया की तरह चूसने लगीं।
रमेश का लंड पूरा साफ कर दिया भाभी ने चूस-चूस कर। फिर मेरी भाभी खड़ी हुई और अपनी चड्डी पहन ली। रमेश ने भी अपने कपड़े पहन लिए। वे दोनों खड़े हुए और किस करने लगे।
किस करने के बाद भाभी जल्दी से नीचे चली गईं। मैं भी पीछे-पीछे घर के बाहर आ गया। उस दिन के बाद मेरे सेक्स जीवन में जो बदलाव आया, वह आज भी यादगार है। उस दिन का वह पल मेरे जीवन का सबसे बेहतरीन पल था।